1. शराब व्यक्ति की नैसर्गिक प्रतिभा को बहार निकलता है| जैसे कोई अच्छा डांसर है लेकिन अपनी शर्म की वजह से लोगो के सामने नहीं नाच पाता, दो घूंट अन्दर जाते ही अपना ऐसा नृत्य पेश करता है कि उसके सामने माइकल जेक्सन भी पानी न मांगे।
ऐसे कई उदहारण आपने शादी-विवाह के अवसर पर शराबियों को नृत्य करते हुए देखा होगा।
कोई नागिन बनकर जमीन में लोटता है,
कोई घूँघट डाल कर महिला नृत्य पस्तुत करता है,
जो शेयर - ओ - शायरी और साहित्यिक बातें सामान्य अवस्था में नहीं की जाती, शराब पीने के बाद कई लोगो को बड़ी बड़ी साहित्यिक बातें शेयर - ओ - शायरी भी करते देखा गया है।
2. शराब व्यक्ति के आत्मविस्वास को कई गुणा बढ़ा देती है।
दो घूंट अन्दर जाते ही चूहे की तरह डरने वाला डरपोक से डरपोक व्यक्ति भी शेर की तरह गुर्राने लगता है।
शराब पीने के बाद कई पतियों को अपनी पत्नी के आगे गुर्रारते हुए देखा गया है।
3. शराब व्यक्ति को प्रकृति के करीब लाता है।
दो घूंट अन्दर जाते ही शराबियो का प्रकृति प्रेम उभर कर सामने आ जाता है कई शराबी शराब का आनंद लेने के बाद ज़मीन, कीचड़, नाली आदि प्राकृतिक जगहों पर विश्राम करते पाए जाते है।
4. शराब व्यक्ति की भाषाई भिन्नता को कम कर देता है जो लोग अंग्रेजी बोलना तो चाहते है लेकिन नहीं बोल पाते, अंग्रेजी बोलने में हिचकिचाहट महसूस करते है दो घूंट अन्दर जाते ही ऐसी धरा प्रवाह अंग्रेजी बोलने लगते है कि बड़े से बड़ा अंग्रेज़ भी शरमा जाये ऐसे कई लोगो से आपका पाला पड़ा होगा।
5. शराब व्यक्ति को दिलदार बनाती है।
कंजूस से कंजूस व्यक्ति भी दो घूंट अन्दर जाते ही किसी सल्तनत के बादशाह की तरह व्यवहार करने लगता है।
ऐसे लोगो के जेब में भले फूटी कौड़ी न हो लेकिन ये लोग ज़माने को खरीदने में पीछे नहीं हटते है।
पुलिस ने एक आदमी को पकड़ा जिसने यक़ीनन काफी शराब पी रखी थी।
उसके कदम, आवाज, सब कुछ लडखडा रहे थे पर उसकी सांस में शराब की महक या बदबू बिलकुल नही थी!
मशीन से भी चेक किया, शराब साबित नहीं हुई! पर दरोगा को विश्वास था, कि इसने पी तो जरुर है।
आखिर उसे छोडते हुए दरोगा ने कहा, "देख, मैं जानता हूं कि तुमने शराब पी है, पर हम पकड नहीं पाए!"
फिर दरोगा ने उसको 2000/- रूपये देते हुए कहा, "कम से कम ये तो बता दो कि चक्कर क्या है?"
शराबी हंस कर बोला, कि जनाब, मैंने पाइप लगा कर "नीचे" (Enema) से पी थी, इसलिये, मुँह में कोई महक या बदबू नहीं आई आपको!"
जब वो जाने लगा, तो दरोगा ने उसे फिर रोका और 5000/- रुपये देते हुए कहा, कि देख भाई, यह राज और किसी को न बताना!"
शराबी की समझ में नहीं आया! उसने पूछा, "जनाब, किसी और को न बताने में आपको को क्या फायदा है?"
दरोगा रुआंसी शक्ल बनाते हुए बोला, "भाई अभी तक तो हमें शराबियों का सिर्फ मुँह सूंघना पडता है!"